エピソード

  • लखनऊ वाले चुस्सी पहलवान | स्टोरीबॉक्स विद जमशेद
    2025/05/04
    पुराने लखनऊ में अकबरी गेट के पास चाय की दुकानों पर अख़बार पढ़ते दिखाई देने वाले चुस्सी पहलवान को इस बार नया शिगूफ़ा मिला. ज़मीन के नीचे दबी गड़ी हुई दौलत तलाशने का. सुनिए कहानी ‘स्टोरीबॉक्स’ में.
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    19 分
  • नफरत Online | स्टोरीबॉक्स विद जमशेद
    2025/04/27
    मुल्क में हालात खराब थे. हर तरफ नफरत की आग धधक रही थी. सोशल मीडिया पर दोनों तरफ से नाराज़गी साफ दिख रही थी. और ऐसे समय में समर्थ को अंसारी साहब के दरवाज़े पहुंचना था, उस गली में जहां उसका बचपन गुज़रा था, पर अब वो इलाका उसका 'अपना' नहीं रहा था. सुनिए पूरी कहानी 'नफरत ऑनलाइन' स्टोरीबॉक्स में.
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    11 分
  • मुझे मरे हुए लोग दिखते हैं | हॉरर स्टोरी| स्टोरीबॉक्स
    2025/04/20
    वो सात साल का बच्चा स्कूल के अकेले कमरे में किससे बातें करता था? वो कौन था जो हमेशा उसके साथ रहता था लेकिन और किसी को दिखाई नहीं देता था? सुनिए कहानी 'मुझे मरे हुए लोग दिखते हैं' स्टोरीबॉक्स में जमशेद क़मर सिद्दीक़ी से
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    23 分
  • अल्लाह मियां का बैंगन | स्टोरीबॉक्स विद जमशेद
    2025/04/13
    जब जेब में आखिरी अठन्नी बची तो मैं बाज़ार से बैंगन खरीद लाया लेकिन बावर्ची खाने में जब बीवी ने बैंगन को काटा तो उसमें उसे कुछ अजीब सा निशान दिखाई दिया जिसे ग़ौर से देखो तो लग रहा था 'अल्लाह' लिखा है - सुनिए स्टोरीबॉक्स में कहानी अल्लाह मियां का बैंगन
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    10 分
  • वो जीनियस लड़का | स्टोरीबॉक्स विद जमशेद
    2025/04/06
    वो लड़का हर सवाल के सही जवाब देता था चाहे आप उससे इतिहास पर पूछिए या राजनीति पर, धर्म पर पूछिये या विज्ञान पर. उसे सब पता था लेकिन उस जीनियस लड़के की एक बचकानी ख्वाहिश भी थी जो कोई नहीं जानता था. सुनिये स्टोरीबॉक्स में कहानी - वो जीनियस लड़का
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    15 分
  • आशिक़ अली की ईद मुबारक | स्टोरीबॉक्स विद जमशेद
    2025/03/30
    आशिक़ अली ने ईद का दिन चुना था अपनी मुहब्बत के इज़हार के लिए लेकिन क्या उन्हें मिल पाएगी मुहब्बत की ईदी? सुनिए स्टोरीबॉक्स में जमशेद क़मर सिद्दीक़ी से.
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    14 分
  • कलकत्ता की एक रात | स्टोरीबॉक्स विद जमशेद
    2025/03/23
    अजनबी शहर में उस अजनबी औरत ने अचानक मेरे कान के पास आकर कहा, "सच जानना है तो मेरे साथ आइये" पता नहीं मैं उसकी खूबसूरती से मुतास्सिर था या उसके अंदाज़ से मैं उसके पीछे चल दिया - सुनिए चतुर्सेन शास्त्री की कहानी 'कलकत्ता की एक रात' स्टोरीबॉक्स में जमशेद क़मर सिद्दीक़ी से.
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    27 分
  • जिलानी साहब की दावत | स्टोरीबॉक्स विद जमशेद
    2025/03/16
    जिलानी साहब के बेटे की सगाई में बड़ी दावत का इंतज़ाम था लेकिन ऐन वक्त पर जब लोग खाने का लुत्फ़ ले रहे थे तो पता चला कि कुछ लोग बिन बुलाए दावत में घुस आए हैं - कैसे पकड़ेंगे उन बिन बुलाए लोगों को जिलानी साहब - सुनिए स्टोरीबॉक्स में जमशेद क़मर सिद्दीक़ी से.
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