• Jindagee ke do pal by Khushi Yaduvanshi

  • 2024/07/24
  • 再生時間: 39 分
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Jindagee ke do pal by Khushi Yaduvanshi

  • サマリー

  • जब मैं पटना पढ़ने आई तो मैंने कविताएँ लिखना ज़्यादा शुरू कर दिया और कुछ कविता शो भी किए। और इस बीच मेरे कुछ दोस्तों ने मेरा बहुत साथ दिया। तो शुक्रिया और आप लोग इस किताब को पढ़ें, इसमें ज़िंदगी के बारे में कुछ कहानियाँ हैं, यह माँ-बाप के बारे में है और यह ज़िंदगी के बारे में भी है, यह प्यार और अधूरे प्यार के बारे में भी है।

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あらすじ・解説

जब मैं पटना पढ़ने आई तो मैंने कविताएँ लिखना ज़्यादा शुरू कर दिया और कुछ कविता शो भी किए। और इस बीच मेरे कुछ दोस्तों ने मेरा बहुत साथ दिया। तो शुक्रिया और आप लोग इस किताब को पढ़ें, इसमें ज़िंदगी के बारे में कुछ कहानियाँ हैं, यह माँ-बाप के बारे में है और यह ज़िंदगी के बारे में भी है, यह प्यार और अधूरे प्यार के बारे में भी है।

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