
कर्म, धर्म और कर्तव्य
カートのアイテムが多すぎます
カートに追加できませんでした。
ウィッシュリストに追加できませんでした。
ほしい物リストの削除に失敗しました。
ポッドキャストのフォローに失敗しました
ポッドキャストのフォロー解除に失敗しました
-
ナレーター:
-
著者:
このコンテンツについて
इस एपिसोड में हम गहराई से समझते हैं अर्जुन के विषाद (संकोच और मानसिक द्वंद्व) को, जो केवल एक योद्धा का संकट नहीं था, बल्कि हर इंसान के जीवन में आने वाले कर्तव्य और भावनाओं के संघर्ष का प्रतीक है।
श्रीमद्भगवद्गीता के इस अध्याय में भगवान श्रीकृष्ण अर्जुन को कर्मयोग का अद्वितीय संदेश देते हैं। वे समझाते हैं कि सच्चा कर्मयोग वही है जिसमें व्यक्ति अपने कर्तव्यों का पालन निष्काम भाव से करता है, बिना फल की चिंता किए।
हम इस चर्चा में देखेंगे:
- अर्जुन का युद्ध से इंकार और उसका गहरा कारण
- स्वधर्म और कर्तव्य का महत्व
- निष्काम कर्म का सिद्धांत
- आत्मज्ञान और मुक्ति की ओर गीता का मार्गदर्शन
यह एपिसोड हमें याद दिलाता है कि जीवन के हर संघर्ष में समाधान कर्मफल की आसक्ति छोड़कर केवल अपने धर्म का पालन करने में ही है।
#कृष्णवाणी #गीता #अध्यात्मिकप्रबोधन #गीता_के_18_योग
#अर्जुनविषादयोग #कर्मयोग #निष्कामकर्म #धर्मऔरकर्तव्य
#BhagavadGita #ArjunaVishadaYoga #KarmaYoga #SpiritualWisdom
#KrishnaVani #PodcastOnGita
इस चर्चा के आधार को विस्तार से समझने के लिये आप यह सुन सकते हैं- "अध्यात्मिक प्रबोधन: गीता के 18 योग" (Auidiobook)
इसे पढ़ना चाहे तो आप इस सीरिज के ईपुस्तकें पढ़ सकते हैं-"आध्यात्मिक प्रबोधन: गीता के 18 योग"
"अगर आपको मेरा यह प्रयास पसंद आ रहा है तो मुझे सपोर्ट करें, आपका सहयोग मेरी रचनात्मकता को नया आयाम देगा।''
मुझे सपोर्ट करने के लिए यहाँ क्लिक करें
- Support via BMC
- UPI से सपोर्ट