エピソード

  • Kalki 2898 AD | Short Review | Sajeev Sarathie
    2024/07/03
    कल्कि शुरू होती है महाभारत के युद्ध से जहां से श्रपित होकर निकले अविनाशी आश्वथामा अपनी मुक्ति का रास्ता ढूंढते पहुंच चुके है आज से 6000 साल आगे धरती पर आखिरी बचे शहर काशी में। उनका लक्ष्य है कल्कि अवतार और उनकी मां सुमति की रक्षा करना, लेकिन 6000 साल बाद के काशी में एक बाउन्टी हंटर भैरव भी है जो सुमिति और उसके अजन्मे बच्चे को यस्किन को सौंपना चाहता है ताकि कॉम्प्लेक्स में उसकी एंट्री संभव हो सके। कौन सफल होता है अपने लक्ष्य में यही है कल्कि के पहले भाग की कहानी। निश्चित ही प्रभास ने इस फिल्म से बढ़िया वापसी की है उनकी कॉमिक टाइमिंग शानदार है। लेकिन कहना गलत नहीं होगा कि फिल्म के असली हीरो हैं एंग्री ओल्ड मैन यानी आश्वथामा बने अमिताभ बच्चन। दीपिका ने भी अपने किरदार के साथ न्याय किया है। कमल हसन यस्कीन के गेटअप में गजब दिखे हैं। फिल्म की तारीफ बनती है कि यहां निर्देशक ने भारतीय मूल की कहानी को एक डिस्टोपियन वर्ल्ड में सेट करने की नवीनता दिखाई है। वीएफएक्स और स्पेशल इफेक्ट्स ऐसे हैं जो कम से कम भारतीय सिनेमा में अब तक देखे नहीं गए है। मगर सब कुछ सही होते हुए भी फिल्म देश के एक बड़े समूह को आकर्षित नहीं कर पाएगी ऐसा मुझे लगता है जिसके कुछ कारण बताना चाहूंगा। फिल्म के प्रमुख विलेन यस्किन के बस कुछ ही संवाद है जिसमें उनकी एक फिलोसिपी सामने आती है लेकिन उस किरदार का रहस्य लोगों तक खुल नहीं पाता। दूसरा फिल्म दो अनदेखे युगों की बात करती है लेकिन इन दोनों युगों को मिलाने वाली कोई कड़ी नहीं मिल पाती। यस्किन की दुनिया दिखाई जाती है मगर कुछ समझ नहीं आता कि वहां रहने वाले कौन लोग है, यस्किन कैसा शासक है आदि। शंभाला के लोगों का भी कुछ खास आइडिया नहीं मिलता। हालांकि शोभना और अन्ना बेन बढ़िया काम कर जाते हैं। कल्कि चाहे जैसी भी हो इस बड़े स्तर पर इस तरह के प्रोजेक्ट को इतनी डिटेलिंग के साथ परदे पर उतारने के लिए इसकी टीम बधाई की पात्र है। उम्मीद है फिल्म के आने वाले सीक्वल इससे भी उन्नत स्तर के होंगें। #kalki2898 #kalki2898ad‌onjune27th #kalkireview #kalki #KalkiMovie #AmitabhBachchan #Prabhash #deepikapadukone #shobhna #AnnaBen #NagAshwin #sajeevsarathie Learn more about your ad choices. Visit megaphone.fm/adchoices
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    1 分
  • Maharaj | Short Review | Sajeev Sarathie
    2024/07/02
    Maharaj | Short Review | Sajeev Sarathie आहत भावनाओं का एक दुखद समय चल रहा है हमारे यहां फिल्मों का। अब चाहे ये जान बूझ कर पब्लिसिटी के लिए आहत की जा रही हो हमारे बारह की तरह या फिर फिल्म के प्रति दुर्भावना से लेकिन नुकसान दोनों ही स्थितियों में अच्छी सामाजिक रूप से सार्थक फिल्मों का ही होता है। महाराज जो कि किसी दौर में फैली देवदासी जैसी कुप्रथा पर एक करारी चोट करती है, समाज सुधारक कर्सनदास मुलजी की कहानी कहती है, जिन्हें इस प्रथा के खिलाफ आवाज उठाने के लिए बहुत कुछ झेलना पड़ा, लेकिन hai अंततः वह इस प्रथा के कानून उन्मूलन के बड़े कारक साबित हुए। आमिर खान के सुपुत्र जुनैद खान ने डेब्यू किया है इस फिल्म से, और उन्होंने ये रोल अपने पिता की सिफारिश से नहीं बल्कि अपनी काबिलियत से हासिल किया है। कहना गलत नहीं होगा कि अपनी पहली फिल्म के लिहाज से उनका काम बहुत शानदार है। हालांकि जयदीप अहलावत जैसे दिग्गज के साथ डायरेक्ट कन्फ्रेंटेशन वाले दृश्यों में वो थोड़ा कमजोर पड़ते हैं जो कि स्वाभाविक भी है। जयदीप कमाल के एक्टर हैं कम से कम संवादों में भी उनका अभिनय निखर के आता है। बाकी भी सभी कलाकार बढ़िया काम करते दिखते हैं। टेक्निकली भी फिल्म ब्रिलियंट है। कला संयोजन, और सिनेमेटोग्राफी अव्वल दर्जे की है तो अंकित संचित का पार्श्व संगीत फिल्म को ब्यूटुफुल्ली एलीवेट करता है। संवाद बहुत बढ़िया हैं। उड़ती बेफिक्र लटें घूंघट में सिमट जाती है, जरिए के मोह में पड़ जाओगे तो मंजिल तक कैसे पहुंच पाओगे या फिर घाव का दिखना जरूरी नहीं निशान जरूरी है जैसे संवाद दिल तक उतर जाते है। महाराज मेटफ्लिक्स पर स्ट्रीम हो रही है। थोड़ी लंबी अवश्य है पर ये एक जरूरी फिल्म है जो हमारे बारह की तरह किसी भी धर्म के प्रति अंध विश्वास को डिस्करेज करती है और दर्शकों को तार्किक होने के लिए प्रेरित करती है। #maharaj #JunaidKhan #Netflix #JaideepAhlawat #ShaliniPandey https://www.instagram.com/reel/C86wTlJvca5/?igsh=MW9tOGlrMmVpenlkeQ== Learn more about your ad choices. Visit megaphone.fm/adchoices
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  • Ishq Vishq Rebound | Short Review | Sajeev Sarathie
    2024/06/28
    इश्क विश्क रिबाउक्ड, यहां रिबाउंड शब्द इंटरेस्टिंग है। बहुत कम ही इस रिबाउंड इश्क पर कभी फिल्म बनी हो। मुझे उम्मीद थी कि ये मॉडर्न लव ट्राइएंगल कुछ दिलचस्प होगी। पर मुझे लीड रोल्स में दिखे एक्टर्स की परफॉर्मेंस को छोड़ कुछ भी अच्छा नहीं लगा फिल्म में। एक तो फिल्म की राइटिंग, विशेषकर संवाद असरदार नहीं हैं कई सीन्स जो अच्छे यादगार हो सकते थे साधारण से बनकर रह गए हैं। दूसरा रोमांटिक फिल्म होने के बावजूद एक्टर्स के बीच किसी भी तरह की केमिस्ट्री पूरी तरह से नदारद दिखती है। आप दोनों ही लव स्टोरीज के साथ कभी कनेक्ट ही नहीं हो पाते। गाने ठीक ठाक हैं खासकर पुरानी इश्क विश्क का चोट दिल में लगी, जो मेरे खयाल से अलीशा की आवाज में रिटेन किया गया है। रोहित सराफ जैसे एक तरह के रोल में टाइपकास्ट से होने लगे हैं। पश्मीना रोशन से कैपबल नजर आती है अगर उन्हें कोई अच्छा निर्देशक मिले तो। जिब्रान खान इंप्रेसिव हैं और नैला ग्रेवल भी, लेकिन इनके रोल्स सीमित हैं फिल्म में। फिल्म अपने आखिरी मोमेंट्स से पिक करती है जब राघव महसूस करता है कि उसके पेरेंट्स हमेशा गेम्स क्यों खेलते रहते है। और साहिर के पिता का जब एक अलग साइड हमें दिखाया जाता है पर तब तक आप फिल्म से पक चुके होते हैं। छोटी लेंथ के बावजूद इश्क विश्क अपनी फ्रेंचाइजी की उम्मीदों पर खरी नहीं उतरती। #IshqVishkRebound #rohitsaraf #PashminaRoshan #JibraanKhan #NailaGrewal #sajeevsarathie Learn more about your ad choices. Visit megaphone.fm/adchoices
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  • Hamare Barah | Short Review | Sajeev Sarathie
    2024/06/27
    Hamare Barah | Short Review | Sajeev Sarathie हम दो हमारे बारह एक महत्वपूर्ण विषय पर बनी एक संजीदा सी फिल्म है, पर फिल्म के मेकर्स ने सोचा कि इसे थोड़ा विवादित बना कर पेश किया जाए। एक बहुत ही खराब और विवादों से भरा ट्रेलर बनाकर फिल्म को इंट्रोड्यूस किया गया और जिस समुदाय के लिए इसे बनाया गया था, उसे ही इस फिल्म से दूर कर दिया गया। फिल्म मुस्लिम समुदाय में कुछ विषयों को लेकर, देखी जाती, एक तरह के धार्मिक कट्टरपन को आधार बनाती है जिसके कारण वो बदलते सामाजिक परिवेश में भी खुद को बदलने से इंकार कर देते हैं। कहानी एक मुस्लिम लड़की की है जो अपने अब्बू के खिलाफ केस कर देती है। अब्बू जो कि पेशे से कव्वाल हैं बच्चों को अल्लाह की मेहरबानी समझ 60 साल की उम्र में भी अपनी जवान बीबी से बच्चे की उम्मीद कर रहे है ये जानते हुए भी कि इस डिलीवरी से उनकी पत्नी की जान तक जा सकती है। केस में पक्ष, प्रतिपक्ष दोनों के वकील भी मुस्लिम हैं, तो लड़ाई मुस्लिम धर्म ग्रंथ की बातों को नए जमाने के संदर्भ में न अपनाकर रूढ़िवादिता में जकड़े रहने के खिलाफ है जो ढेरों मुस्लिम औरतों का दर्द बयां करती है। मगर सस्ती लोकप्रियता के लालच ने इस फिल्म को डूबो दिया। फिल्म अच्छी लिखी गई है। अन्नू कपूर, मनोज जोशी, राहुल बग्गा, अदिति बटपहरी और इशलीन प्रसाद का काम तो अच्छा है ही, अल्फिया की वकील बनी अश्विनी कलसेकर और बड़े बेटे बने परितोष त्रिपाठी सबसे ज्यादा इंप्रेसिव लगे हैं। अश्वनी तो खैर एक परिपक्व अभिनेत्री हैं ही, पर परितोष पिता और पत्नी, कट्टरपन और उदारवादिता के बीच फंसे निसहाय से पुरुष की भूमिका में बेहद प्रभावी लगे हैं। अन्नू कपूर अभिनेता के रूप में ही नहीं बतौर गायक संगीतकार भी जलवे बिखेर रहे हैं। हमारे बारह बुरी फिल्म नहीं है। यकीनन देखी जा सकती है। #hamarebaarah #patriarch #KamalChandra #AnnuKapoor #AshwiniKalsekar #ManojJoshi #rahulbagga #ParitoshTripathi #aditibhatpahri #sajeevsarathie https://www.instagram.com/reel/C8t51qOvEPv/?igsh=MXJuZjU4ZWQwMXE5cQ== Learn more about your ad choices. Visit megaphone.fm/adchoices
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  • JNU | Short Review | Sajeev Sarathie
    2024/06/26
    जे एन यू यानी जहांगीर नेशनल यूनिवर्सिटी अपने नाम से ही साबित कर देती है कि किस उद्देश्य के साथ इसे बनाया गया है। अब क्रिंज होगी ये तो पता था, पर सिर्फ देखने के लिए देखी कि आखिर किस हद तक क्रींज हो सकती है, मैने किसी तरह इसे झेल ही ली। यूनिवर्सिटी में एक बड़ा स्टेच्यू लगा है जिन्ना और नेहरू जैसे दिखने वाले दो लोगों का जो विश्व विद्यालय की गतिविधियों पर नजर रखते है। यूनिवर्सिटी में सब लाल सलाम बोलते है मगर हीरो सिद्धार्थ बोडके आकार जय श्री राम बोलना शुरू करता है। उर्वशी रौतेला बस एटिट्यूड लेकर चलती नजर आती है। एक लिबरल लड़की है जो किसी भी लड़के के साथ हुक अप कर लेती है। कालेज की प्रबंधन कमेटी से लेकर स्टूडेंट्स तक सब या तो वाम पंथी हैं या मुसलमान है जो सिर्फ और सिर्फ देश विरोधी काम करते हैं। एक हिंदू नेता भी है जो कन्हैया कुमार को इंगित करता है और उन्हें बहुत ही बुरे फ्रेम में प्रोजेक्ट करता है। और इन सब के बीच मोदी जी का उदय हो रहा है नेशनल पॉलिटिक्स में जिसके बाद हवा बदलने लगती है। एक जगह कॉलेज की एक वामपंथी प्रोफेसर कहती है कि अब सेंटर में हमारी सरकार नहीं रही। एक न्यूज एंकर कविश कुमार भी हैं जो इस यूनिवर्सिटी के फेवर में रिपोर्टिंग करता है। पियूष मिश्रा गेस्ट रोल में आते हैं जो कभी वामपंथी यानी फिल्म के हिसाब से देश द्रोही थे मगर अब घर वापसी कर चुके हैं और मुंह खोलते ही गलियां बकते हैं। रवि किशन और विजय राज़ कथित देश द्रोहियों को हवालात में पीटने का चरम सुख उठते हुए दिखते हैं। मतलब कि कुछ भी, जी हां कुछ भी अंट शंट दिखाने से निर्देशक ने परहेज नहीं किया है। हो सकता है एक खास तरह की सोच रखने वाले जाकर इस कचरे को देखें पर मैं तो यही कहूंगा कि इस कूड़ेदान जैसी फिल्म से दूर ही रहें। #jnumovie #JNU #RaviKishan #VijayRaaz #PiyushMishra #cringe #sajeevsarathie Learn more about your ad choices. Visit megaphone.fm/adchoices
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  • Kota Factory S3 | Short Review | Sajeev Sarathie
    2024/06/25
    Kota Factory | Short Review | Sajeev Sarathie कोटा फैक्ट्री की कलर स्कीम ब्लैक एंड वाइट सही, यहाँ के विद्यार्थियों की ज़िन्दगी इसी कलर पैलेट जैसी बेरंग, नीरस और तनाव से भरी सही पर कोटा फैक्ट्री हर बार आपको बहुत कुछ सीखा जाती है, हाँ थोड़ा उदास तो कर जाती है मगर एक उम्मीद फिर भी बची रह जाती है, तो तीन बातें जो इस सीजन से मेरी लर्निंग रही वो बताता हूँ आपको. पहली सीख खुद जीतू भैया देते हैं कि जब वो कहते हैं कि राह अगर खुद से चुनी हो तो मुश्किलों से न तो घबराना चाहिए न दूसरों की कामियाबी से इंसेक्यूर होना चाहिए. खासकर मीकूभैया बने सात्विक भाटिया से, जो बहुत क्यूट दिखे हैं। दूसरी सीख कि अगर कभी जिंदगी उलझ जाए और कोई ऐसा साथी नज़र में न हो जिससे परेशानी बांटी जा सके तो प्रोफेशनल मनोवैज्ञानिक को मदद ले लेनी चहिए ठीक वैसे ही जैसे जीतू भैया लेते हैं, और ईश्वर सोहैला कपूर जैसी ग्रेसफुल साइकोलॉजिस्ट सबको दे। तीसरी सीख कि आत्मसम्मान का पत्थर दिल से हटाकर पास खड़े सच्चे दोस्तों की मदद लेने में कभी हिचकना नहीं चाहिए क्योंकि एक बार आपने मदद ली तो दूसरों को मदद देने से भी आप भविष्य में पीछे नहीं हटेगें। इस सीजन में जीतू भैया सारा बोझ अकेले नहीं उठा रहे हैं राजेश कुमार और तिल्लोथमा शोम ने सीरीज को बढ़िया डेप्थ दी है। बाकी तो खैर रेगुलर कास्ट हमेशा की तरह ब्रिलियंट है ही। तो मेरे भाई अब और क्या सुनना चाहते हो? कोटा फैक्ट्री सिर्फ एक सीरीज थोड़े है ये तो एक इमोशन है, जाओ जाओ देख डालो फटाफट। #kotafactoryseason3 #kotafactory #kotafactoryseries #KotaFactoryS3OnNetflix #KotaFactoryS3 #tvf #Netflix #iitjee #iitjeepreparation #kota #mayurmore #jitendrakumar #TillotamaShome #sajeevsarathie https://www.instagram.com/reel/C8os2v9vmK-/?igsh=Y3YxZTloaWMwazV2 Learn more about your ad choices. Visit megaphone.fm/adchoices
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  • Bajrang aur Ali | Short Review | Sajeev Sarathie
    2024/06/24
    जब छोटा था तो घर में टी वी का होना एक बड़ी बात हुआ करता थी, मोहल्ले में जिसके भी घर नया टी वी आता था पूरा मोहल्ला इस हफ्ते संडे की फिल्म उस घर पे देखता था, जब मेरे घर वेस्टर्न कंपनी का पहला ब्लैक एन्ड वाइट टीवी आया तो उस हफ्ते मेरे घर पर पैक्ड हाउस में देखी गयी थी पंडित और पठान. जब मैंने बजरंग और अली सुना तो जेहन में पंडित और पठान की यादें घूम गयी. उस दौर में ऐसी साम्प्रदायिक एकता को बढ़ावा देने वाली बहुत सी फ़िल्में बना करती थी, और लोग बड़े चाव से देखा भी करते थे, आज मैं बहुत लोगों को सुनता हूँ कहते हुए कि हिन्दू मुस्लिम एकता जैसी कोई चीज़ कभी एक्सिस्ट ही नहीं करती थी, पर मैं इसे नहीं मान सकता क्योंकि ऐसी दोस्तियों की ढेरों कहानियां मेरे व्यक्तिगत अनुभव में सलंग्न है. तो क्या बजरंग और अली एक कल्ट फिल्म है, नहीं क्योंकि ये फिल्म बहुत ही ड्रामेटिक है अपने ट्रीटमेंट में. आपको लगेगा जैसे कोई थिएटर देख रहे हैं आप. कहानी इंदौर में सेट है और इंदौर शहर भी यहाँ एक किरदार की तरह आता है. लीड रोल्स में दिखे जयवीर और सचिन पारीख दोनों का ही काम बहुत बढ़िया है. विशेषकर जयवीर अपने संवाद अदायगी में ड्रामेटिक होते हुए भी कंवेंसिंग लगते हैं. दोस्ती के आलावा एक लव स्टोरी को भी स्थान दिया गया है पर ये वाला ट्रेक बेअसरदार है. जयवीर अभिनेता अच्छे हैं पर उनके निर्देशन का अंदाज़ पुराने ढर्रे का है. लेकिन इस फिल्म की चर्चा इसलिए भी बेहद ज़रूरी है क्योंकि आजकल जहाँ हर कोई सिर्फ नफ़रत को बेच कर जेबें भर रहा है इस फिल्म के मेकर्स ने सांप्रदायिक सद्भावना और दोस्ती के कोमल भावों को एक बढ़िया और मार्मिक कहानी में पिरो कर पेश करने की हिम्मत दिखाई है. बजरंग और अली आप जरूर देखें खासकर अगर आपने एक राम रहीम दोस्ती जैसी घटनाएं अपने जीवन में देखी हों तो आप इससे रेलेट करेगें और अपने बच्चों को भी दिखाएं ताकि वो भी खुले दिमाग से अपने दोस्त चुन सकें, ये फिल्म टेक्निकली बहुत अच्छी न होने के बावजूद सोलफुल है, और दिल से बनायीं गयी है अच्छी नीयत के साथ. #sajeevsarathie #BajrangAurAli #jaiveer #sachinparikh #ujjain #bollywood #communaltension #CommunalHarmony #HinduMuslimFriendship https://www.instagram.com/reel/C8jvczLP1Rf/?igsh=MW9wNGdoMGFzbHM2YQ== Learn more about your ad choices. Visit megaphone.fm/adchoices
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  • In Conversation with Actor Prateek Pachori | Sajeev Sarathie| Deepika Bhatia
    2024/06/22
    क्या आप जानते हैं कि प्रतीक पचौरी को जब मुंबई में मन माफिक काम नहीं मिला तो वो जबलपुर वापस आ गए और वहां के थियेटर साथियों के साथ मिलकर एक फिल्म बना डाली ? क्या था इस फिल्म का नाम ? क्या आप जानते हैं किन परिस्थितियों में बीच जंगल शूट हुई थी विद्या बालन की शेरनी ? क्या आप जानते हैं कि प्रतीक ने पंचायत के लिए पहले किस किरदार के लिए ऑडिशन दिया था ? जानिए ये सब आज की इस एक्सक्लूसिव मुलाकात में पंचायत के बबलू यानी प्रतीक पचौरी के साथ। #sajeevsarathie #podcast #panchayatwebseries #panchayatseason3 #bollywood #jabalpur #prateekpachauri #actor #actorslife #acting #panchayat #primevideo https://www.instagram.com/reel/C8efCJFPSX_/?igsh=MWZpeHM1ejQ3eXlnOQ== https://youtu.be/NE6ZHEm-kEk?si=wfEKzq1aTSEQ7_k7 Learn more about your ad choices. Visit megaphone.fm/adchoices
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    36 分