エピソード

  • भस्मासुर : वरदान जिसने भगवान शिव को संकट में डाला : Dev Danav Tales, Ep 10
    2025/05/07
    भस्मासुर—एक ऐसा असुर जिसे भगवान शिव से अद्वितीय वरदान मिला था कि वह जिसके सिर पर हाथ रखे वह भस्म हो जाए. लेकिन इस वरदान ने ही जब शिव को संकट में डाल दिया, तो शुरू हुई एक दिलचस्प कहानी—धोखे, चतुराई और माया की. आखिर क्यों शिव को भागना पड़ा अपने ही दिए वरदान से? कौन आया उनकी रक्षा करने? और कैसे विष्णु ने मोहिनी रूप धारण कर भस्मासुर को उसी के जाल में फंसा दिया? सुनिए ‘देव दानव’ के इस एपिसोड में.

    साउंड मिक्स : रोहन
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    15 分
  • जालंधर कैसे बना देवताओं के लिए संकट? क्यों शिव बने उसके विनाश का कारण : Dev Danav Tales, Ep 8
    2025/04/24
    समुद्र से उत्पन्न हुआ एक असुर जिसने अपनी तपस्या की शक्ति से देवताओं को भी झुका दिया. 'जालंधर' नाम के इस असुर की शक्ति इतनी प्रबल थी कि स्वयं इंद्र भी भयभीत हो गए. लेकिन जब उसने शिव से टकराने की भूल की, तब हुआ वह युद्ध, जिसे धर्म और अधर्म निर्णायक बिंदु माना गया. कैसे विष्णु ने निभाई एक मायावी भूमिका? कैसे जालंधर के पतन का कारण बना उसका ही घमंड? और क्यों शिव को स्वयं उठाना पड़ा तांडव का मार्ग? सुनिए ‘देव दानव’ की इस कड़ी में.
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    22 分
  • तारकासुर: अमरता का अभिशाप और देवताओं का संकट: Dev Danav Tales, Ep 7
    2025/04/09
    दैत्यराज तारकासुर ने कठोर तपस्या कर ब्रह्मा से वरदान प्राप्त किया कि केवल भगवान शिव का पुत्र ही उसे मार सकता है. लेकिन उस समय शिव शोक में डूबे थे और वैराग्य में थे. इस वरदान से शक्तिशाली बनकर तारकासुर ने देवताओं पर अत्याचार शुरू कर दिया. क्या हुआ जब तारकासुर की अमरता बन गई सृष्टि के लिए संकट? क्यों देवी पार्वती को तपस्या में बैठना पड़ा? कैसे शिव के पुत्र कार्तिकेय ने उस दैत्य को चुनौती दी?
    और क्या तारकासुर का अंत उसके अहंकार से हुआ या नियति से? सुनिए ‘देव दानव’ के सातवें एपिसोड में.
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    22 分
  • देवताओं की भक्ति करने वाले वृत्रासुर का अंत कैसे हुआ?: Dev Danav Tales, Ep 06
    2025/03/26
    पौराणिक कथाओं में वृत्रासुर का नाम दानव के रूप में लिया जाता है. लगभग संपूर्ण धरती पर वृत्रासुर का आतंक था. यह बात लोक-प्रचलित है कि राक्षस होने के बावजूद वह भगवान का परम भक्त भी था. उसकी कहानी में सिर्फ राक्षसी शक्ति की ही नहीं, बल्कि धर्म, भक्ति और बलिदान की भी ज़िक्र है. वृत्रासुर को इंद्र ने छल से मारने का संकल्प लिया, लेकिन इस महासंग्राम में वृत्रासुर का चरित्र देवताओं से भी अधिक महान प्रतीत हुआ. कैसे एक दानव, धर्म का प्रतीक बन गया? वृत्रासुर ने मृत्यु को क्यों स्वीकार किया? क्यों उसकी भक्ति और वैराग्य ने इंद्र को भी झुका दिया? क्या वृत्रासुर वास्तव में राक्षस था या धर्म का सच्चा रक्षक? सुनिए 'देव दानव' के छठे एपिसोड 'वृत्रासुर' में.

    साउंड मिक्सिंग: सूरज सिंह
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    22 分
  • वामन देव की छोटी सी मांग के आगे बलि क्यों हुए नतमस्तक: Dev Danav Tales, Ep 05
    2025/03/12
    असुर राजा बलि अपनी शक्ति, वीरता और दानशीलता के लिए प्रसिद्ध था. उसने अपने तप और पराक्रम से तीनों लोकों पर अधिकार कर लिया था. देवता भी उसकी शक्ति के आगे नतमस्तक हो गए, लेकिन अधिपत्य का यह संतुलन अधिक समय तक नहीं रह सका. देवताओं की रक्षा और धर्म की स्थापना के लिए भगवान विष्णु ने वामन अवतार लिया. कैसे वामन देव ने राजा बलि से तीन पग भूमि मांगी? कैसे यह मांग असुर सम्राट के लिए सबसे बड़ी परीक्षा बन गई? राजा बलि ने अपनी प्रतिज्ञा निभाते हुए क्या त्याग किया? सुनिए 'देव दानव' के पांचवें एपिसोड में.

    साउंड मिक्सिंग: सचिन द्विवेदी
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    17 分
  • शिव के प्रकोप से कैसे मिटा अंधक का अहंकार? Dev Danav Tales, Ep 04
    2025/02/26
    अंधक एक ऐसा असुर था जो शिव के वरदान से उत्पन्न हुआ. लेकिन उसने अपने शक्ति के मद में स्वयं महादेव को ही अपना शत्रु बना लिया. कठोर तपस्या के बाद ब्रह्मा जी से अमरता और अपराजेयता का वरदान प्राप्त कर अंधक ने तीनों लोकों पर आधिपत्य स्थापित करने की ठान ली. लेकिन क्या वास्तव में कोई अमर हो सकता है? वरदान के अहंकार में डूबे अंधक ने पार्वती का हरण करने का प्रयास भी किया. इसके बाद भगवान शिव का क्रोध भड़क उठा. इसके बाद शुरू हुआ एक भीषण महासंग्राम. इस युद्ध में स्वयं महादेव को अंधक का संहार करने के लिए रणभूमि में उतरना पड़ा. कैसे शिव और अंधक के बीच हुआ भीषण युद्ध? कैसे भगवान शिव ने अपने त्रिशूल से अंधक का अंत कर अज्ञान और अहंकार को नष्ट किया? सुनिए पूरी कहानी 'देव दानव' के चौथे एपिसोड में.
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    20 分
  • हिरण्यकश्यप के अंत के लिए भगवान विष्णु को क्यों लेना पड़ा नरसिंह अवतार: Dev Danav Tales, Ep 03
    2025/02/12
    दैत्यराज हिरण्यकश्यप ने अपने भाई हिरण्याक्ष की मृत्यु के बाद प्रतिशोध की अग्नि में जलते हुए भगवान विष्णु से शत्रुता ठान ली. कठोर तपस्या कर ब्रह्मा जी से ऐसा वरदान प्राप्त किया, जिसने उसे लगभग अमर बना दिया. संसार में अपनी सत्ता स्थापित करने के लिए हिरण्यकश्यप ने भगवान की पूजा पर प्रतिबंध लगा दिया. उसने सभी को केवल अपनी आराधना करने का आदेश दिया, लेकिन उसका स्वयं का पुत्र प्रह्लाद विष्णु का अनन्य भक्त निकला. इस निःस्वार्थ भक्ति से क्रोधित होकर हिरण्यकश्यप ने अपने ही पुत्र को मारने के अनेक प्रयास किए. क्या हुआ जब प्रह्लाद ने विष्णु भक्ति नहीं छोड़ी? कैसे हिरण्यकश्यप का अहंकार उसकी सबसे बड़ी कमजोरी बन गया? सुनिए 'देव दानव' के तीसरे एपिसोड में.

    Disclaimer: आप सुन रहे थे देव दानव टेल्स. आजतक रेडियो के लिए इन कहानियों को लिखा और आवाज़ दी है सूरज कुमार ने. ये कहानियां कई स्रोतों के आधार पर लिखी गई हैं जिनमें विभिन्न पुराण, लोक कथाएं और देश के अलग अलग हिस्सों में प्रचलित दंतकथाएं शामिल हैं. इन कथाओं को आप तक पहुंचाने के दौरान कई स्थानों पर हमने सृजनात्मक स्वतंत्रता ली है, इसलिए हम ऐसा कोई दावा नहीं करते कि देव दानव टेल्स महान हिंदू पुराणों का प्रतिनिधित्व करती हैं.
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    26 分
  • विष्णु के वराह अवतार ने कैसे किया था हिरण्याक्ष का संहार?: Dev Danav Tales, Ep 02
    2025/01/29
    हिरण्याक्ष और वराह का युद्ध पौराणिक कथाओं में वर्णित एक संग्राम है. कथा के अनुसार, दैत्यराज हिरण्याक्ष ने अपनी असीम शक्ति के मद में पूरी पृथ्वी को चुरा लिया और उसे सागर की गहराइयों में छिपा दिया. इस अराजकता को समाप्त करने और सृष्टि का संतुलन बनाए रखने के लिए भगवान विष्णु ने वराह अवतार धारण किया. कैसे हिरण्याक्ष के अहंकार ने उसे देवताओं का सबसे बड़ा शत्रु बना दिया? ब्रह्मांड के इस महायुद्ध में वराह अवतार ने किस तरह अपने विशालकाय रूप से हिरण्याक्ष को परास्त किया? समुद्र की गहराइयों में हुए इस महासंग्राम में आखिर कौन विजयी हुआ और क्यों यह युद्ध केवल शक्ति की परीक्षा नहीं बल्कि धर्म-अधर्म की टकराहट भी थी? सुनिए 'देव दानव' के दूसरे एपिसोड 'हिरण्याक्ष और वराह युद्ध' में.



    Disclaimer: आप सुन रहे थे देव दानव टेल्स. आजतक रेडियो के लिए इन कहानियों को लिखा और आवाज़ दी है सूरज कुमार ने. ये कहानियां कई स्रोतों के आधार पर लिखी गई हैं जिनमें विभिन्न पुराण, लोक कथाएं और देश के अलग अलग हिस्सों में प्रचलित दंतकथाएं शामिल हैं. इन कथाओं को आप तक पहुंचाने के दौरान कई स्थानों पर हमने सृजनात्मक स्वतंत्रता ली है, इसलिए हम ऐसा कोई दावा नहीं करते कि देव दानव टेल्स महान हिंदू पुराणों का प्रतिनिधित्व करती हैं.
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