-
श्री भगवद गीता | अध्याय 2 - सांख्य योग | सभी 72 श्लोक | जीवन और आत्मा का परम ज्ञान
- 2025/03/05
- 再生時間: 1 時間 25 分
- ポッドキャスト
-
サマリー
あらすじ・解説
श्रीमद्भगवद गीता के अध्याय 2 - सांख्य योग में भगवान श्रीकृष्ण अर्जुन को आत्मा, कर्म, धर्म और ज्ञान का रहस्य समझाते हैं। इस अध्याय में जीवन, मृत्यु और आत्मा की अमरता पर गूढ़ ज्ञान दिया गया है। यह गीता का सबसे महत्वपूर्ण और व्यापक रूप से अध्ययन किया जाने वाला अध्याय है।🔹 मुख्य विषय:✔ आत्मा न जन्म लेती है, न मरती है (श्लोक 20)✔ कर्तव्य पालन ही धर्म है (श्लोक 47)✔ समत्व योग: सुख-दुःख में समभाव (श्लोक 38)✔ निष्काम कर्मयोग का सिद्धांत (श्लोक 50)✔ स्थितप्रज्ञ (समाधिस्थ) व्यक्ति के लक्षण (श्लोक 54-72)यह अध्याय हमें आत्मज्ञान, आत्मसंयम और धर्म का सही अर्थ समझाने के साथ-साथ निष्काम कर्मयोग के पथ पर चलने की प्रेरणा देता है।🔖 टैग्स (Tags):श्री भगवद गीता, गीता सार, गीता उपदेश, अध्याय 2, सांख्य योग, निष्काम कर्म, आत्मा का ज्ञान, स्थितप्रज्ञ, सनातन धर्म, कर्मयोग, हिंदू धर्म, भगवद गीता श्लोक, जीवन का सत्य, मोक्ष, आध्यात्मिकता#️⃣ हैशटैग्स (Hashtags):#भगवदगीता #श्रीमद्भगवदगीता #गीता_सार #श्रीकृष्ण #SanatanDharma #BhagavadGita #Hinduism #Spirituality #Krishna #VedicWisdom #गीता_ज्ञान #सनातनधर्म #कर्मयोग #मोक्ष #अध्यात्म #धर्म #आत्मज्ञान #निष्काम_कर्म