"सांख्य योगः महत्व और दार्शनिक दृष्टिकोण | KrishnaVani Podcast | Chetna Samvad"
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このコンテンツについて
कृष्णवाणी पॉडकास्ट, जो चेतना संवाद यूट्यूब चैनल के अंतर्गत प्रसारित किया जाता है,
के इस विशेष एपिसोड में हम प्रारंभ कर रहे हैं भगवद्गीता के दूसरे अध्याय —
“सांख्य योगः” — का अध्ययन।
सांख्य योग गीता के ज्ञानपथ का हृदय है।
यह हमें सिखाता है कि आत्मा और शरीर दो अलग तत्व हैं —
आत्मा शाश्वत, अविनाशी और अपरिवर्तनीय है, जबकि शरीर नश्वर और परिवर्तनशील।
इस ज्ञान के माध्यम से मनुष्य मोह, शोक और भय से मुक्त होकर
अपने कर्तव्य और धर्म का पालन करते हुए मुक्ति की ओर अग्रसर होता है।
इस एपिसोड में सुनिए —
- सांख्य योग का महत्व और गीता में उसका दार्शनिक स्थान
- आत्मा और प्रकृति के द्वैत का रहस्य
- अर्जुन के संशय और श्रीकृष्ण के ज्ञानपूर्ण उपदेश
- ज्ञान और कर्म के समन्वय से मिलने वाला आंतरिक संतुलन
अब से कृष्णवाणी पॉडकास्ट हर बुधवार प्रसारित होगा।
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अगला एपिसोड: “आत्मा की अमरता और देह की नश्वरता”
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