
मृत्यु के बाद के जीवन पर दार्शनिक दृष्टिकोण
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होस्ट-रमेश चौहान
यह एपिशोड़ मृत्यु के बाद जीवन के बारे में दार्शनिक विचारों का विस्तृत अन्वेषण प्रस्तुत करता है। इसमें पाश्चात्य विचारकों जैसे प्लेटो के अमर आत्मा के सिद्धांत और एपिक्यूरस के मृत्यु को शून्यता मानने के विचार को शामिल किया गया है, जबकि भारतीय दर्शनशास्त्रियों जैसे आदि शंकराचार्य के मोक्ष के लिए आत्मन के ब्रह्म में विलय और श्री श्री रवि शंकर के सूक्ष्म शरीर के पुनर्जन्म के सिद्धांतों पर प्रकाश डाला गया है। यह स्रोत पुनर्जन्म, मुक्ति, और ईश्वर के साथ संबंध की अवधारणाओं का परीक्षण करता है, जिसमें आधुनिक विचारक भी शामिल हैं जो चेतना की प्रकृति और मृत्यु के बाद उसके अस्तित्व पर विचार करते हैं। अंततः, यह लेख इन विविध दृष्टिकोणों को जीवन के अर्थ और मृत्यु की अनिवार्यता के सामने मानव अस्तित्व की गहरी खोज के रूप में प्रस्तुत करता है।मृत्यु के बाद जीवन पर अपने विचारों को जागृत एवं पुष्ट करने हेतु आप यह किताब पढ़ सकते है-https://amzn.in/d/9Krrhom
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