गीता-योग: अध्यात्मिक प्रबोधन की श्रवण यात्रा के इस विशेष एपिसोड में हम
भगवद्गीता के राजविद्याराजगुह्ययोग से उस दिव्य रहस्य को समझते हैं
जो कर्म, भक्ति और मोक्ष को एक सूत्र में बाँध देता है।
इस चर्चा का केंद्रीय विषय है—
👉 भक्ति और कर्म का गूढ़ संबंध।
भगवान श्रीकृष्ण अर्जुन को स्पष्ट करते हैं कि
कर्म अपने आप में बंधन नहीं है,
बंधन तब बनता है जब कर्म फल की आसक्ति से किया जाए।
जब वही कर्म भक्ति और समर्पण से ईश्वर को अर्पित हो जाता है,
तो वह यज्ञ बन जाता है और मोक्ष का मार्ग खोल देता है।
इस एपिसोड में आप जानेंगे—
• कर्म को पवित्र क्या बनाता है
• ज्ञानी और अज्ञानी के कर्म में वास्तविक अंतर क्या है
• यज्ञ का अर्थ केवल अग्निहोत्र क्यों नहीं है
• “यत्करोषि यदश्नासि…” श्लोक का जीवन-व्यापी अर्थ
• मोक्ष का मार्ग कर्म छोड़ने में नहीं,
बल्कि कर्म को ईश्वर को समर्पित करने में क्यों है
यह एपिसोड हमें सिखाता है कि
साधारण जीवन भी साधना बन सकता है,
यदि कर्म भक्ति से जुड़ जाए।
🎙️ यह चर्चा आधारित है पुस्तक श्रृंखला
“अध्यात्मिक प्रबोधन: गीता के 18 योग”
के राजविद्याराजगुह्ययोग खंड पर।
📅 प्रसारण: हर मंगलवार
#गीता_योग
#भक्ति_और_कर्म
#राजविद्याराजगुह्ययोग
#अध्यात्मिकप्रबोधन
#गीता_श्रवण_यात्रा
#भगवद्गीता
#कर्मयोग
#भक्तियोग
#निष्काम_कर्म
#यज्ञभाव
#मोक्षमार्ग
#KrishnaTeachings
#BhagavadGitaPodcast
#SpiritualPodcast
#SanatanDharma
#GeetaWisdom
#YogaOfDevotion
#ChaitanyaSamvad
इस चर्चा के आधार को विस्तार से समझने के लिये आप यह सुन सकते हैं- "अध्यात्मिक प्रबोधन: गीता के 18 योग" (Auidiobook)इसे पढ़ना चाहे तो आप इस सीरिज के ईपुस्तकें पढ़ सकते हैं-"आध्यात्मिक प्रबोधन: गीता के 18 योग"
#भगवद्गीता #AdhyatmikPrabodhan #GitaPodcast #18Yoga #BhaktiYog #KarmYog #ज्ञानयोग #GitaSaar #SpiritualAwakening #ShrimadBhagavadGita
"अगर आपको मेरा काम पसंद आ रहा है तो मुझे सपोर्ट करें, आपका सहयोग मेरी रचनात्मकता को नया आयाम देगा।''👉 मुझे सपोर्ट करने के लिए यहाँ क्लिक करें
☕ Support via BMC
📲 UPI से सपोर्ट