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अक्षरब्रह्मयोग: समाज, सेवा और मोक्ष का समन्वय

अक्षरब्रह्मयोग: समाज, सेवा और मोक्ष का समन्वय

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“गीता-योग: अध्यात्मिक प्रबोधन की श्रवण यात्रा” के इस मंगलवार के एपिसोड में हम चर्चा कर रहे हैं —

अक्षरब्रह्मयोग के उस गहरे संदेश की, जो बताता है कि

व्यक्तिगत मुक्ति (मोक्ष) और सामाजिक कर्तव्य (सेवा) वास्तव में एक-दूसरे से जुड़े हुए हैं।


भगवान श्रीकृष्ण अर्जुन को सिखाते हैं कि

सच्चा योगी वही है जो सभी प्राणियों में ब्रह्म को देखता है

और सबके प्रति समान दृष्टि रखता है।

इस एपिसोड में शामिल हैं:

ब्रह्म का सामाजिक और आध्यात्मिक स्वरूप

सेवा को भक्ति का सर्वोच्च रूप मानने की व्याख्या

एक प्रेरक कथा: समाज सेवा के माध्यम से मुक्ति की अनुभूति


और यह संदेश — कि भक्ति, ज्ञान और सेवा मिलकर ही मोक्ष का मार्ग बनाते हैं।


🎧 सुनिए और अनुभव कीजिए — गीता का सार, आधुनिक जीवन की भाषा में।

📅 नया एपिसोड हर मंगलवार।



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