• कविता :-- कोई गीतां गाई व्हैला (कानदान जी कल्पित)

  • 2021/10/19
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कविता :-- कोई गीतां गाई व्हैला (कानदान जी कल्पित)

  • サマリー

  • जूनी घड़ियां री ओळूं रै, समचै हिचकी आई व्हैला | भावां रे समंद हबोलां में, कोई गीता गाई व्हैला ||
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あらすじ・解説

जूनी घड़ियां री ओळूं रै, समचै हिचकी आई व्हैला | भावां रे समंद हबोलां में, कोई गीता गाई व्हैला ||

कविता :-- कोई गीतां गाई व्हैला (कानदान जी कल्पित)に寄せられたリスナーの声

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