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श्री मद भागवत कथा-4 द्रौपदी के पांच पुत्रों व नारद जी का पूर्व जन्म का वर्णन Prem anand ji Maharaj

श्री मद भागवत कथा-4 द्रौपदी के पांच पुत्रों व नारद जी का पूर्व जन्म का वर्णन Prem anand ji Maharaj

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महाभारत की सबसे अपमानजनक और भयावह घटनाओं में से एक द्रौपदी का चीर हरण है। यह घटना कुरुक्षेत्र युद्ध का एक प्रमुख कारण बनी। घटना का कारणद्यूत-क्रीड़ा (जुए का खेल): यह घटना तब हुई जब युधिष्ठिर ने कौरवों के साथ जुए का खेल खेला।पांडवों की हार: युधिष्ठिर ने शकुनि से जुए में अपना सब कुछ हार दिया, जिसमें उनका राज्य, उनके भाई और अंत में उनकी पत्नी द्रौपदी भी शामिल थी।दुर्योधन का आदेश: पांडवों की हार के बाद, अहंकारी दुर्योधन ने अपने भाई दु:शासन को द्रौपदी को भरी सभा में लाने का आदेश दिया, ताकि उसका अपमान किया जा सके। चीर हरण का दृश्यदु:शासन का अत्याचार: दु:शासन द्रौपदी को उसके बालों से पकड़कर घसीटते हुए भरी सभा में ले आया।चीर हरण का प्रयास: दुर्योधन के आदेश पर, दु:शासन ने द्रौपदी के वस्त्र खींचने शुरू कर दिए।मूकदर्शक सभा: द्रौपदी ने भीष्म, विदुर और अन्य गुरुजनों से अपनी लाज बचाने की विनती की, लेकिन सभी अपनी जगह पर मौन बैठे रहे। केवल दुर्योधन के भाई विकर्ण ने इसका विरोध किया, लेकिन उसकी बात को दबा दिया गया। भगवान कृष्ण का हस्तक्षेपद्रौपदी की पुकार: जब कोई मदद के लिए आगे नहीं आया, तो द्रौपदी ने असहाय होकर भगवान कृष्ण को पुकारा।चमत्कारिक वस्त्र: द्रौपदी की पुकार सुनकर भगवान कृष्ण ने अपनी दिव्य शक्ति से उसकी साड़ी को अनंत कर दिया।दु:शासन की हार: दु:शासन साड़ी खींचते-खींचते थक गया, लेकिन वह द्रौपदी को निर्वस्त्र नहीं कर पाया। परिणामकौरव कुल का श्राप: इस अपमान के बाद द्रौपदी ने कुरु वंश को श्राप दिया, जो महाभारत के युद्ध का एक प्रमुख कारण बना।भीम की प्रतिज्ञा: भीम ने प्रतिज्ञा ली कि वह दु:शासन की छाती फाड़कर उसके रक्त से द्रौपदी के बाल धोएगा। उसने यह भी प्रतिज्ञा की कि वह दुर्योधन की जंघा तोड़ेगा।धृतराष्ट्र का भय: धृतराष्ट्र ने अनिष्ट की आशंका से भयभीत होकर द्रौपदी को वरदान मांगने को कहा, जिसके फलस्वरूप पांडवों को उनकी संपत्ति और स्वतंत्रता वापस मिल गई।कुरुक्षेत्र युद्ध का बीज: यह घटना कौरवों और पांडवों के बीच युद्ध का एक महत्वपूर्ण कारण बनी, जिसने पूरे कुरु वंश का विनाश कर दिया। Premanand ji maharajMahabharatRamayan
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