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Surta: Sahitya Ki Dharohar

Surta: Sahitya Ki Dharohar

著者: रमेश चौहान
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このコンテンツについて

"सुरता: साहित्य की धरोहर" – 2018 से निरंतर प्रकाशित साहित्यिक मंच, जहाँ हिन्दी और छत्तीसगढ़ी भाषा की कविताएँ, कहानियाँ, ग़ज़लें, व्यंग्य, और लोक रचनाएँ प्रस्तुत की जाती हैं। अब इन्हीं रचनाओं को आप सुन पाएँगे हमारी आवाज़ में — एक साहित्यिक यात्रा, शब्दों से स्वर तक। 🔹 हर सप्ताह नई रचनाएँ 🔹 गद्य और पद्य दोनों विधाओं की प्रस्तुतियाँ 🔹 विशेष श्रृंखलाएँ – कविता सप्ताह, लोककथा विशेष, संत साहित्य आदिरमेश चौहान アート エンターテインメント・舞台芸術
エピソード
  • काव्य पाठ में: प्रो. रविन्द्र प्रताप सिंह की एक चर्चित हास्य नज़्म
    2025/12/25

    सुरता साहित्य की धरोहर के अंतर्गत आज की यह प्रस्तुति श्रोताओं को साहित्य के उस पक्ष से रू-बरू कराती है, जहाँ हास्य केवल मनोरंजन नहीं, बल्कि जीवन की सच्चाइयों का सधा हुआ व्यंग्य बन जाता है। आज के काव्य पाठ में प्रस्तुत है प्रो. रविन्द्र प्रताप सिंह की एक चर्चित हास्य नज़्म, जो नाई की दुकान जैसे साधारण दृश्य को केंद्र में रखकर मानवीय अहंकार, समय की अनिवार्यता और इच्छाओं के क्षरण को अत्यंत रोचक ढंग से अभिव्यक्त करती है।

    उस्तरा, कैंची, जुल्फ़ें और आईना—ये सभी प्रतीक बनकर जीवन की उस सच्चाई की ओर संकेत करते हैं, जहाँ हर अकड़ और हर मोह अंततः समय के सामने झुक जाता है। नज़्म में हास्य के साथ-साथ एक सूक्ष्म दर्शन भी निहित है, जो श्रोताओं को मुस्कराते हुए आत्मचिंतन के लिए प्रेरित करता है।

    इस काव्य पाठ को और भी विशेष बनाती है इसकी प्रस्तुति, क्योंकि इस हास्य नज़्म का वाचन स्वयं प्रो. रविन्द्र प्रताप सिंह की आवाज़ में किया गया है। उनकी सहज, लयात्मक और भावपूर्ण अभिव्यक्ति शब्दों को जीवंत कर देती है और श्रोताओं को एक आत्मीय साहित्यिक अनुभव प्रदान करती है।

    यह एपिसोड उन सभी श्रोताओं के लिए है जो साहित्य में केवल गंभीरता ही नहीं, बल्कि मुस्कान, व्यंग्य और जीवन की हल्की-सी चुभन को भी महसूस करना चाहते हैं।

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    6 分
  • घनाक्षरी छंद रचना कला
    2025/12/26

    सुरता साहित्य की धरोहर | साहित्य सृजन कला (शनिवार)

    इस ज्ञानवर्धक एपिसोड में हम हिंदी साहित्य के स्वर्णयुग के अत्यंत लोकप्रिय और प्रभावशाली घनाक्षरी छंद का विस्तृत परिचय प्रस्तुत करते हैं। यह सत्र उन रचनाकारों के लिए विशेष रूप से उपयोगी है जो कविता को केवल भावनात्मक अभिव्यक्ति नहीं, बल्कि एक अनुशासित काव्य-शिल्प के रूप में समझना चाहते हैं।

    लेखक रमेश चौहान द्वारा प्रस्तुत इस मार्गदर्शिका में घनाक्षरी छंद की वर्णिक संरचना को सरल और व्यावहारिक भाषा में समझाया गया है। एपिसोड में घनाक्षरी के प्रमुख प्रकार — मनहरण, रूप और देवघनाक्षरी — का विस्तार से विवेचन किया गया है, साथ ही छंद लेखन के लिए आवश्यक वर्ण-गणना, लघु–गुरु मात्राओं का निर्धारण, यति और गति जैसे तकनीकी नियमों को स्पष्ट किया गया है।

    इस चर्चा को और अधिक उपयोगी बनाने के लिए तुलसीदास एवं अन्य प्रसिद्ध कवियों के उदाहरणों के साथ-साथ स्वयं अभ्यास करने की विधि भी साझा की गई है, जिससे नवोदित कवि छंद लेखन में आत्मविश्वास के साथ आगे बढ़ सकें।

    यह एपिसोड पारंपरिक काव्य कला को आधुनिक समय में संरक्षित रखने और नई पीढ़ी के रचनाकारों को छंदबद्ध कविता की ओर प्रेरित करने का एक सार्थक प्रयास है।

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    16 分
  • भारत रत्न अटल: कवि, राजनेता और राष्ट्रनिर्माता के जन्म दिवस पर विशेष काव्यपाठ
    2025/12/24

    सुरता साहित्य की धरोहर के इस विशेष प्रसंग में हम स्मरण कर रहे हैं
    भारत रत्न, पूर्व प्रधानमंत्री
    आदरणीय श्री अटल बिहारी वाजपेयी जी के प्रेरणादायी जीवन और अविस्मरणीय योगदान को।

    यह प्रस्तुति
    डॉ. अशोक आकाश द्वारा
    अटल जी के शून्य से शिखर तक के संघर्षपूर्ण जीवन–सफ़र,
    उनकी कवि-हृदय संवेदना,
    लोकतांत्रिक मूल्यों के प्रति प्रतिबद्धता
    और छत्तीसगढ़ राज्य निर्माता के रूप में उनके ऐतिहासिक योगदान को
    सफ़रनामा एवं काव्य पाठ के माध्यम से रेखांकित करती है। अटल जी केवल एक राजनेता नहीं थे, वे विचार, संवाद और राष्ट्रबोध के प्रतीक थे। उनकी कविता, उनकी वाणी और उनका आचरण आज भी भारत की आत्मा को दिशा देता है। यह एपिसोड नई पीढ़ी को नेतृत्व, संवेदना और राष्ट्रप्रेम के उच्च आदर्शों से जोड़ने का एक विनम्र प्रयास है।

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    19 分
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