『Nietzsche का नास्तिक दर्शन || The Anti-Christ (5) || साधुओं का अध्यात्म बकवास』のカバーアート

Nietzsche का नास्तिक दर्शन || The Anti-Christ (5) || साधुओं का अध्यात्म बकवास

Nietzsche का नास्तिक दर्शन || The Anti-Christ (5) || साधुओं का अध्यात्म बकवास

無料で聴く

ポッドキャストの詳細を見る

このコンテンツについて

धर्म बाबाओं को और अधिक विनम्र होने की ज़रूरत है. हम मानवों की स्थिति इस सृष्टि  इस universe में क्या है? बाबा जन की मान लें तो हम स्वयं परमात्मा स्वरुप-परम ब्रह्म हैं, बस अहंकार दूर करने की देर है. जिसने अहंकार त्याग दिया परमात्मा से एक हो गया. लेकिन ये सब कहने का आधार क्या है? मानव चेतना/ consciousness- जिसका जाप बाबा लोग दिन रात करते हैं, दरअसल क्या चीज है? आइए गहराई से देखते हैं- सबसे निचले तबके के जीव- कीड़े-मकोड़े और microbes  मशीन की तरह चलते हैं. दार्शनिक Descartes ने जानवरों को एक प्रकार की biological  मशीन कहा है, क्योंकि वे निर्धारित गति से अपने आप सृष्टि के नियमों के अनुरूप पैदा हो रहे हैं, भोजन कर रहे हैं, खुद को बचा रहे हैं और प्रजनन कर अपना वंश बढ़ा रहे हैं. लेकिन क्या मानव भी नियम से चलने वाले मशीनों की तरह हैं? Biologically/जैविक दृष्टि से तो डॉक्टर यही बताते हैं- मानव शरीर बिना इच्छा शक्ति का प्रयोग किए अपने आप चलता है। लेकिन क्या psychologically भी, मानव बुद्धि को नियम से चलने वाली एक मशीन माना जा सकता है क्या? कोई धर्म बाबा तो ये मानने को तैयार नहीं होगा. हालांकि, इस बात से वे भी इंकार नहीं कर सकेंगे की मनोविज्ञान भी causation से बंधा हुआ है- अकारण कुछ नहीं होता। विचार अपने आप शून्य से उत्पन्न नहीं होते, इनके भी कारण होते हैं. लेकिन धर्म शास्त्री ये सब जानते हुए भी मान नहीं सकेंगे की हमारे विचारों पर हमारा नियंत्रण नहीं. धर्म का काम ज़िम्मेदारी स्थापित करना है, ताकि कुछ लोगों को पापी और कुछ को धार्मिक घोषित किया जा सके. ये आपको बताएंगे की आप अपने विचारों के पैदा होने के लिए खुद ज़िम्मेदार हैं. हम अपनी मर्ज़ी से अपनी इच्छाएं पैदा करते हैं. और चाहें तो अपनी मर्ज़ी से उन्हें बदल भी सकते हैं. तभी तो बाबा जी इच्छाओं को काबू करना और बदलना सिखलाते हैं.  गलत विचारों की सही से अदला बदली करना सिखाते हैं. भक्तों से कहते हैं की तुमने ही मन पर काबू नहीं किया, नहीं तो तुम भी मेरी तरह साधु होते, धार्मिक कहलाते। और हम अधर्मी क्या मानते हैं? हमारी दृष्टि आधुनिक मनोविज्ञान से प्रेरित है। जिसे लोग will power, इच्छा शक्ति कहते हैं, वह भी दूसरे मनोभावों की तरह ही एक मनोभाव है. लेकिन ये मान लेने का कोई कारण नहीं की अपना will power हम खुद अंदर कहीं पैदा करते हैं, और मनचाहे उसे बदल भी सकते हैं. हम ये मानते हैं की ...

Nietzsche का नास्तिक दर्शन || The Anti-Christ (5) || साधुओं का अध्यात्म बकवासに寄せられたリスナーの声

カスタマーレビュー:以下のタブを選択することで、他のサイトのレビューをご覧になれます。