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Episode:-5 "औरत: सिर्फ़ एक रिश्ता नहीं, एक पहचान भी है"

Episode:-5 "औरत: सिर्फ़ एक रिश्ता नहीं, एक पहचान भी है"

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Story & Poetry Credit: @ Aman Arya "औरत सिर्फ एक रिश्ता नहीं होती, वो खुद में एक पहचान होती है।" इस कविता में नारी के हर रूप—बेटी, बहन, पत्नी, मां—की संवेदनाओं, त्याग और सपनों को उकेरा गया है। समाज में औरत की स्थिति पर सवाल उठाती और उसे खुलकर जीने की प्रेरणा देने वाली यह कविता सिर्फ एक दिन नहीं, बल्कि हर दिन नारी के सम्मान की बात करती है। 🎙️ Poetry: "समाज कहता है कि तू सहनशील है, पर क्यों सिर्फ सहना ही उसकी तकदीर है? क्या उसे भी खुलकर जीने का हक नहीं, क्या उसका कोई अरमान, कोई सपना नहीं?" "आओ उसकी काबिलियत को पहचान दें, उसके हर अरमान को खुला आसमान दें, जब औरत को सच में इज्जत मिलेगी, तभी तो ये दुनिया और बेहतर बनेगी।" 🌍 अब वक्त है बदलाव का! सिर्फ एक दिन नहीं, हर दिन नारी का हो। उसे उसकी पहचान मिले, सम्मान मिले, और खुलकर जीने का हक मिले। आइए, उसकी काबिलियत को पहचानें, उसे खुला आसमान दें, और एक ऐसी दुनिया बनाएं जहाँ नारी सच में सम्मान पाए। ✨ सुनें, महसूस करें, और शेयर करें – क्योंकि हर आवाज बदलाव ला सकती है! ✨ #NariShakti #WomensDay #RespectWomen #Poetry #EmpowerWomen #WomenDeserveBetter
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