
#005 भारत-अमेरिका व्यापार समझौता समय पर संभव, लेकिन असल चुनौती है बारीकियां
カートのアイテムが多すぎます
カートに追加できませんでした。
ウィッシュリストに追加できませんでした。
ほしい物リストの削除に失敗しました。
ポッドキャストのフォローに失敗しました
ポッドキャストのフォロー解除に失敗しました
-
ナレーター:
-
著者:
このコンテンツについて
Disclaimer: This episode has been translated using AI and reproduced using an AI voice. The content it is based on is an original work by the Core.
Disclaimer: Yeh episode AI ka istemal karke translate kiya gaya hai aur AI voice ke zariye reproduce kiya gaya hai. Iska content core dwara tayyar kiye gaye vastivik karya par aadharit hai.
डिस्क्लेमर: ये एपिसोड एआई का इस्तेमाल करके ट्रांसलेट किया गया है और एआई वॉइस के ज़रिए रीप्रोड्यूस किया गया है। इसका कंटेंट कोर द्वारा तैयार किए गए वास्तविक कार्य पर आधारित है।
1 अगस्त से अमेरिका द्वारा एकतरफा टैरिफ़ लागू किए जाने की तैयारी है—ज्यादातर आयातित वस्तुओं पर अब 15% तक शुल्क लगेगा। अमेरिका-यूरोप और जापान के बीच हुए सौदों में शर्तें स्पष्ट नहीं हैं, लेकिन निवेश और रक्षा खरीद के वादों के बदले टैरिफ घटाए गए हैं। भारत पर भी दबाव है कि वह नए व्यापार समझौते के तहत तुरंत ज़ीरो ड्यूटी लागू करे—जो एक बड़ी चुनौती बन सकता है। विशेषज्ञों का मानना है कि असली सवाल समझौता कब होगा नहीं, बल्कि यह है कि उसमें क्या होगा और वह कितने समय टिकेगा।
हमारी कवरेज के और लेख पढ़ने के लिए देखें: thecore.in
हमारा न्यूज़लेटर सब्सक्राइब करें
हमसे जुड़े रहें:
Twitter पर फॉलो करें
Instagram पर फॉलो करें
Facebook पर फॉलो करें
LinkedIn पर फॉलो करें
YouTube पर हमारे चैनल को सब्सक्राइब करें