वियोगिनी शकुंतला

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वियोगिनी शकुंतला

著者: Vivek Rao, Rajnish Rao, White Script
ナレーター: Ashish Dave, Manikant Sorbhoy, Aranya Kaur, Yudhvir, Shaily Dubey, Ankit Goswami, Rohan Shukhthankar, Jasbir, Pranav, Pushkar
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このコンテンツについて

कुलपति कन्व का तपोवन में आगमन हो चुका है और हर्षोउल्लास के साथ उनके तीर्थाटन से सकुशल लौट आने की प्रसन्नता में पूजा अर्चना की जाती है। देवी शकुंतला पर दृष्टि पड़ते ही अनहोनी की आशंका से उनका हृदय दुखी हो जाता है। ऋषिकुमारों के माध्यम से कुलपति कन्व अपनी प्रिय पुत्री देवी शकुंतला को संदेश भिजवाते हैं। पिताश्री से भेंट ना हो पाने की स्थिति में देवी शकुंतला हताश निराश हो जाती हैं किंतु उनकी उलझन का समाधान ऋषिकुमार तत्काल ही कर देते हैं। उधर हस्तिनापुर में ऋषि दुर्वासा के श्राप के दुष्प्रभाव से सम्राट दुष्यंत तपोवन से लेकर उपवन तक की तमाम लीलाएँ भूले बिसरे बैठे हैं और ये बात विदूषक माधव्य को हतोत्साहित कर रही है।©2021 Audible Inc (P)2021 Audible Inc
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