『दिव्य चेतना में स्थित मनुष्य | भगवतगीता श्लोक』のカバーアート

दिव्य चेतना में स्थित मनुष्य | भगवतगीता श्लोक

दिव्य चेतना में स्थित मनुष्य | भगवतगीता श्लोक

無料で聴く

ポッドキャストの詳細を見る

このコンテンツについて

श्रीकृष्ण कहते हैं: हे पार्थ! जब कोई मनुष्य स्वार्थयुक्त कामनाओं और मन को दूषित करने वाली इन्द्रिय तृप्ति से संबंधित कामनाओं का परित्याग कर देता है और आत्मज्ञान को अनुभव कर संतुष्ट हो जाता है तब ऐसे मानव को दिव्य चेतना में स्थित कहा जा सकता है।

See omnystudio.com/listener for privacy information.

दिव्य चेतना में स्थित मनुष्य | भगवतगीता श्लोकに寄せられたリスナーの声

カスタマーレビュー:以下のタブを選択することで、他のサイトのレビューをご覧になれます。