Audible会員は対象作品が聴き放題、2か月無料体験キャンペーン中
-
Laal Chowk [Red Square]
- ナレーター: Sumit Kaul
- 再生時間: 10 時間 6 分
商品を追加できませんでした
カートに追加できませんでした。
ウィッシュリストに追加できませんでした。
ほしい物リストの削除に失敗しました。
ポッドキャストのフォローに失敗しました
ポッドキャストのフォロー解除に失敗しました
Audible会員プラン 無料体験
あらすじ・解説
बीते कुछ समय से शेष भारत के लोगों के लिए कश्मीर राष्ट्रवाद के ‘उत्प्रेरक’ के तौर पर काम आने लगा है। ‘दूध माँगोगे तो खीर देंगे, कश्मीर माँगोगे तो चीर देंगे’ जैसे फ़िल्मी डायलॉग के ज़रिए जम्मू-कश्मीर को भारत और पाकिस्तान के भूगोल, इतिहास और संस्कृति-सभ्यता की बाइनरी में रखते हुए ‘पाने-खोने’ के विमर्शों में उलझाकर रख दिया गया है। इन सबके बीच कश्मीरियत भी है, जिस पर बात कम होती है। जम्मू-कश्मीर के लोग हैं, उनके मानवाधिकार, उनके नागरिक अधिकार हैं, तमाम गंभीर, मौखिक और कथित क़ानूनी आरोप झेलते घाटी के युवा हैं, जो अपना भविष्य अंधकार में पाते हैं। एक बड़ी आबादी है जिसके दिमाग़ पर एक युद्धरत कश्मीर की छाप जमती चली जा रही है। कश्मीर में सेना है, आफ़्स्पा है, निगरानी और तलाशी के अंतहीन सिलसिले हैं। भय है, दमन है, साहस भी है, प्रतिरोध भी है। ये चीज़ें आम जनमानस की ‘प्रमाणपत्रीय’ निर्णय लेने वाली चेतना में विचार या फ़ैसले के लिए जगह नहीं पातीं। ‘लाल चौक’ उन्हीं अनकहे और ‘साज़िशन’ अंधकार में धकेले जा रहे तथ्यों पर रोशनी डालती है, जो सिर्फ़ तथ्य भर नहीं हैं, कथ्य भर नहीं हैं, बल्कि एक बड़ी आबादी का जीवन हैं और जिन्हें दशकों से जिया जा रहा है।
Please note: This audiobook is in Hindi.